चंडीगढ़, 1 सितंबर भगवान भंगू-
पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब और चंडीगढ़ की यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों की अध्यापक यूनियनों को आश्वासन दिया कि वह उच्च शिक्षा एवं भाषाएं मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर के साथ जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत मान को मिलकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा की गई सिफ़ारिशें के अनुसार तनख्वाहें बढ़ाने की उनकी माँग पर चर्चा करेंगे।
आज यहाँ मगसीपा में हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दोनों मंत्रियों ने पंजाब और चंडीगढ़ की अलग-अलग कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों की अध्यापक यूनियनों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई माँगों को ध्यान से सुना।
यूनियनों द्वारा उठाई गई माँग के वित्तीय प्रभाव को साझा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की तंग नीतियों के कारण राज्य वित्तीय बोझ के नीचे दबा हुआ है, परन्तु मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तथ्य से भी अवगत है कि यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों के अध्यापकों के लिए यू.जी.सी की सिफारिशों के अनुसार तनख़्वाह स्केल ज़्यादातर राज्यों द्वारा लागू कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा विधान सभा के अंदर की गई प्रतिबद्धता को दोहराते हुए दोनों मंत्रियों ने कहा कि उन्होंने ख़ुद इस मुद्दे पर गहराई से विचार-विमर्श करने के लिए यूनियनों के साथ यह बैठक बुलाई है, क्योंकि मुख्यमंत्री पहले ही इस मुद्दे संबंधी अपनी इच्छा ज़ाहिर कर चुके हैं।
बैठक में अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जसप्रीत तलवाड़, विशेष सचिव वित्त मोहित तिवाड़ी और डी.पी.आई. कॉलेज राजीव गुप्ता भी उपस्थित थे।