पंचायती राज संस्थाओं की महिला अधिकारियों के पति/पुत्र या अन्य पारिवारिक सदस्य मीटिंग में हिस्सा लेता पाया गया तो होगी सख़्त कार्रवाई: कुलदीप सिंह धालीवाल
चंडीगढ़, 1 सितंबर ( राजेश जैन) –
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा राज्य की पंचायतों में चुनी गईं महिला प्रतीनिधियों को सशक्त करने और ग्रामीण विकास में उनकी भूमिका को मज़बूत करने के मनोरथ से पंचायती राज संस्थाओं की महिला अधिकारियों के पति/पुत्र या अन्य पारिवारिक सदस्यों द्वारा मीटिंग में शामिल होने और हस्ताक्षर करने की प्रथा ख़त्म कर दी गई है। आज यहाँ पत्रकार सम्मेलन के मौके पर इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि डिविजऩल डिप्टी डायरैक्टर, पंचायत, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर, विकास, जि़ला विकास एवं पंचायत अफ़सर, उप मुख्य कार्यकारी अफ़सर, जि़ला परिषद, ब्लॉक विकास और पंचायत अफसरों को इस सम्बन्धी हिदायतें जारी कर दी गई हैं और यदि कोई इन हिदायतों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खि़लाफ़ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री ने स्पष्ट कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की मीटिंगों में किसी भी महिला के पति/पुत्र या किसी अन्य पारिवारिक सदस्य को उसकी जगह पर मीटिंग में भाग न लेने दिया जाए, इस सम्बन्धी कई बार हिदायतें जारी की गई हैं परंतु इसके बावजूद भी यह देखने में आया है कि जब भी चुनी हुई जि़ला परिषदें, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की कोई मीटिंग होती है तो मीटिंग में चुनी हुए स्त्री अधिकारियों की जगह उसका पति या अन्य कोई पारिवारिक सदस्य उपस्थित होते हैं। जबकि चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा ख़ुद मीटिंग में भाग लेना ज़रूरी होता है।
कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि इस सम्बन्धी सम्बन्धित अफसरों को फिर हिदायत की गई है कि इस गलत प्रथा को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए। इसके साथ ही यह सुनिश्चित बनाया जाए कि जब भी पंचायतों द्वारा या विभाग द्वारा कोई मीटिंग की जाती है तो मीटिंग में चुनी हुई महिला अधिकारियों की सक्रिय शमूलियत हो और कोई भी अन्य पारिवारिक सदस्य उसकी जगह मीटिंग में हिस्सा न ले।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने कहा कि यदि भविष्य में कोई ऐसा केस संज्ञान में आया जैसे किसी महिला अधिकारी की जगह उसके पति/पुत्र या कोई अन्य पारिवारिक सदस्य मीटिंग में हिस्सा लेता है तो सम्बन्धित अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।